वृक्षों की छाया तले ,
हम मुस्कराएं
वृक्षों की छाया तले
हम गुनगुनाएं
वृक्षों की छाया तले
डालें झूलें
वृक्षों की छाया तले
हम तीज मनाएं।
आ गया है समय
एयरकंडीशन का
ताजी हवा से बेरुखी
,क्यों मर्ज़ बढ़ाएं
न संभलोगे ,प्रदूषण होगा
चारों ओर
समय रहते ही क्यों न ''बिमल ''
हम पेड़ लगाएं।
******
हम मुस्कराएं
वृक्षों की छाया तले
हम गुनगुनाएं
वृक्षों की छाया तले
डालें झूलें
वृक्षों की छाया तले
हम तीज मनाएं।
आ गया है समय
एयरकंडीशन का
ताजी हवा से बेरुखी
,क्यों मर्ज़ बढ़ाएं
न संभलोगे ,प्रदूषण होगा
चारों ओर
समय रहते ही क्यों न ''बिमल ''
हम पेड़ लगाएं।
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