Saturday 8 November 2014
Thursday 30 October 2014
क्या नीलोफर को तरस है आया ?
नीलोफर का वेग जरा सा कम हो आया है,
जैसे प्रकृति को भी हम पर तरस हो आया है.
नीलोफर है चक्रवात क्या रंग दिखाएगा ,
आशंका का कोहरा जाने कब छट पाएगा ,
असंतुलित वातावरण को संतुलित हम करें,
प्राकृतिक आपदाओं से बिमल'' यूं बचें।
*********बिमला देवी
जैसे प्रकृति को भी हम पर तरस हो आया है.
नीलोफर है चक्रवात क्या रंग दिखाएगा ,
आशंका का कोहरा जाने कब छट पाएगा ,
असंतुलित वातावरण को संतुलित हम करें,
प्राकृतिक आपदाओं से बिमल'' यूं बचें।
*********बिमला देवी
Monday 27 October 2014
नीलोफर
नीलोफर के आने का संकेत मिला है ,
प्रकृति को यूँ लगता हमसे गिला है।
पहले हुदहुद ,नीलोफर अब ,क्या करें,
अपने किए हुए कर्मों का मिला सिला है।
जंगल दिए उजाड़ ,प्रकृति को किया फ़ना ,
जिधर भी देखो प्रकृति संतुलन हिला है।
''बिमल ''न सोची बच्चोँ को हम क्या देते हैं ,
इन बेचारों को प्रदूषण उपहार मिला है।
***********************बिमला देवी
प्रकृति को यूँ लगता हमसे गिला है।
पहले हुदहुद ,नीलोफर अब ,क्या करें,
अपने किए हुए कर्मों का मिला सिला है।
जंगल दिए उजाड़ ,प्रकृति को किया फ़ना ,
जिधर भी देखो प्रकृति संतुलन हिला है।
''बिमल ''न सोची बच्चोँ को हम क्या देते हैं ,
इन बेचारों को प्रदूषण उपहार मिला है।
***********************बिमला देवी
Sunday 26 October 2014
क्यों रुलाई जा रही औरत
जहां वेदों मे औरत को, पूजा और सराहा है ,
कभी भक्ति ,कभी शक्ति खुदा का रूप बताया है ,
वहाँ इस देश में क्यों कर, रुलाई जा रही औरत ,
कभी हिंसा, कभी वहशत ,मिटाई जा रही औरत।
********बिमला देवी
कभी भक्ति ,कभी शक्ति खुदा का रूप बताया है ,
वहाँ इस देश में क्यों कर, रुलाई जा रही औरत ,
कभी हिंसा, कभी वहशत ,मिटाई जा रही औरत।
********बिमला देवी
Wednesday 22 October 2014
धन वैभव की देवी लक्ष्मी
धन वैभव की देवी लक्ष्मी ,
इतना सा उपकार करें,
कोई न भूखा जाए घर से,
इतना पर उपकार करें।
संतोषामृत से सराबोर हों ,
अभिमान का नाम न हो,
संकटमोचन बनें सदा सब,
परहित पर कल्याण तो हों।
हर बाधा को पार करें सब ,
कभी न डोले मन किसी का
मानव जीवन सद्कर्म को
कलुष हृदय का , मिटे सभी का।
जैसे दीपक दीपावली के
दूर करें जग का अन्धेरा
वैसे हृदय तम दूर करो अब
मिट जाए अज्ञान अँधेरा।
******बिमला देवी
इतना सा उपकार करें,
कोई न भूखा जाए घर से,
इतना पर उपकार करें।
संतोषामृत से सराबोर हों ,
अभिमान का नाम न हो,
संकटमोचन बनें सदा सब,
परहित पर कल्याण तो हों।
हर बाधा को पार करें सब ,
कभी न डोले मन किसी का
मानव जीवन सद्कर्म को
कलुष हृदय का , मिटे सभी का।
जैसे दीपक दीपावली के
दूर करें जग का अन्धेरा
वैसे हृदय तम दूर करो अब
मिट जाए अज्ञान अँधेरा।
******बिमला देवी
Tuesday 21 October 2014
Sunday 19 October 2014
प्रदूषण मुक्त दिवाली
दीपक की माला सजा मनाएं दिवाली ,
तेरे मेरे सब के घर आए खुशहाली।
आतिशबाजी और पटाखों से करें परहेज ,
प्रदूषण की चपेट मे न आए अब देश।
अपने अपने धर्मानुरूप पूजन करें सब ,
कोशिश हो एक दूजे के दुःख को हरें सब।
भ्रातृत्व भाव हो मिलकर बिमल 'खाएं मिठाई ,
कह सकें प्रदूषण मुक्त दिवाली मनाई।
*************बिमला देवी
Saturday 18 October 2014
हुदहुद इबोला का कहर
कहीं इबोला का कहर,
तो कहीं हुदहुद का ,
साजिश प्रकृति की नहीं ,
कसूर है हम सब का।
प्रकृति को उजाड़ कर,
जंगल मिटा डाले ,
जंगल को कर दिया फनाह ,
शहर बसा डाले।
मोबाईल के टावर कहीं,
चिमनी का धुआँ ,
पक्षियों की उड़ान नहीं,
दूषित सब हुआ.
एड्स ,डेंगू अब इबोला
ने जकड़ा है इंसान
'बिमल 'खता है हम सब की
अब होता क्यों परेशान।
************* बिमला देवी
Thursday 16 October 2014
इसरो की सुनो कहानी
इसरो की सुनो कहानी ,
मंगल ग्रह पर मंगल यान
पहुंचा, सुनो हिंदुस्तानी,
इसरो की कहानी।
साईंसदान इसरो की अनथक,
मेहनत का नतीजा ,
दिन रात सब एक किया ,
कोई काम नही किया दूजा ,
हमें गर्व उन माँ के लालों पर ,
एक न की नादानी,,
इसरो की कहानी।
देश का मन बढ़ाया ,
विषय हर्ष का विषय गर्व का,
मन पुलकित हो आया ,
' बिमल'सफलता मिलती रहे यूँ
कोई न आए परेशानी ,
इसरो की कहानी।
तरह तरह के अविष्कार कर,
इसरो नाम कमाए ,
इनके दम से देश मेरा,
हर काम में अग्रणी हो जाए ,
हर कदम पर मिले सफलता ,
जो लगे लासानी ,
इसरो की कहानी।
*****बिमला देवी
मंगल ग्रह पर मंगल यान
पहुंचा, सुनो हिंदुस्तानी,
इसरो की कहानी।
साईंसदान इसरो की अनथक,
मेहनत का नतीजा ,
दिन रात सब एक किया ,
कोई काम नही किया दूजा ,
हमें गर्व उन माँ के लालों पर ,
एक न की नादानी,,
इसरो की कहानी।
सेटेलाइट लांच इसरो बदौलत,
देश का मन बढ़ाया ,
विषय हर्ष का विषय गर्व का,
मन पुलकित हो आया ,
' बिमल'सफलता मिलती रहे यूँ
कोई न आए परेशानी ,
इसरो की कहानी।
तरह तरह के अविष्कार कर,
इसरो नाम कमाए ,
इनके दम से देश मेरा,
हर काम में अग्रणी हो जाए ,
हर कदम पर मिले सफलता ,
जो लगे लासानी ,
इसरो की कहानी।
*****बिमला देवी
Tuesday 14 October 2014
पोलिथिन से धरती को बचाएं
पोलिथिन पर रोक लगे , भूमि बंजर न होगी,
खेतों की उपजाऊ शक्ति ,फिर कभी कम न होगी,
पोलिथिन एक रोग बना ,हम इसकी दवा बन जाएं,
आओ मिलकर पोलिथिन से, धरती को बचाएं।
गंदे नालों की गंदगी से ,नदियाँ मैली न हों,
पोलिथिन से बने लिफाफों ,पर पाबन्दी अब हो,
जीव जन्तु इनको खाकर ,तड़फ कर मर न जाएं,
आओ मिलकर पोलिथिन से धरती को बचाएं।
धरती को हम माँ कहते ,क्या माँ को दूषित करते,
माँ के चरणों में बैठ कर ,दुःख उनके सब हरते,
बंजर ,मैली न हो जाए , हरित क्रान्ति लाएं,
आओ मिलकर पोलिथिन से ,धरती को बचाएं।
वर्जित खाद रसायन करके ,घर की खाद बनाओ ,
फल सब्जियों के छिलकों को ,यूं उपयोग में लाओ,
कूड़ा कर्कट भी मिटे, खेतों में धन उपजाएं ,
आओ मिलकर पोलिथिन से धरती को बचाएं।
खेतों की उपजाऊ शक्ति ,फिर कभी कम न होगी,
पोलिथिन एक रोग बना ,हम इसकी दवा बन जाएं,
आओ मिलकर पोलिथिन से, धरती को बचाएं।
गंदे नालों की गंदगी से ,नदियाँ मैली न हों,
पोलिथिन से बने लिफाफों ,पर पाबन्दी अब हो,
जीव जन्तु इनको खाकर ,तड़फ कर मर न जाएं,
आओ मिलकर पोलिथिन से धरती को बचाएं।
धरती को हम माँ कहते ,क्या माँ को दूषित करते,
माँ के चरणों में बैठ कर ,दुःख उनके सब हरते,
बंजर ,मैली न हो जाए , हरित क्रान्ति लाएं,
आओ मिलकर पोलिथिन से ,धरती को बचाएं।
वर्जित खाद रसायन करके ,घर की खाद बनाओ ,
फल सब्जियों के छिलकों को ,यूं उपयोग में लाओ,
कूड़ा कर्कट भी मिटे, खेतों में धन उपजाएं ,
आओ मिलकर पोलिथिन से धरती को बचाएं।
***********बिमला देवी
Monday 13 October 2014
बेचारा डस्टबिन
बेचारा डस्टबिन रो रहा ,
अश्रु से दामन भिगो रहा,
कोई उसकी न बात सुने,
स्वच्छ्ता के वो स्वप्न बुने।
कचरा फैलाते हैं सभी ,
आदतन मज़बूर हैं तभी
स्वच्छ्ता अभियान क्या होगा,
देश सम्मान का क्या होगा।
जहां देखो कचरा है फैला,
धरती अम्बर' बिमल ' सब मैला
प्रत्येक को आगे आना है
प्रदूषण मुक्त देश करवाना है।
*******बिमला देवी
अश्रु से दामन भिगो रहा,
कोई उसकी न बात सुने,
स्वच्छ्ता के वो स्वप्न बुने।
कचरा फैलाते हैं सभी ,
आदतन मज़बूर हैं तभी
स्वच्छ्ता अभियान क्या होगा,
देश सम्मान का क्या होगा।
जहां देखो कचरा है फैला,
धरती अम्बर' बिमल ' सब मैला
प्रत्येक को आगे आना है
प्रदूषण मुक्त देश करवाना है।
*******बिमला देवी
गर्भ में कन्या को क्यों मारा
जिनको वेदों ने मान दिया,
उनका ही अपमान किया ,
क्या तूने नादान किया ?
गर्भ में ही'' कल्याण'' किया।
गर्भ में कन्या को है मारा ,
ऐसे तू बन गया हत्यारा,
भविष्य में रहेगा कंवारा ,
तेरा कौन बनेगा सहारा ?
कौन जीवन साथी बनेगा ?
कौन तेरे तब संग चलेगा ?
कैसे तेरा वंश चलेगा ?
तू बन्दे फिर क्या करेगा ?
''बिमल''समय अब तो संभाल ,
बेटी को बड़े नाज़ से पाल ,
तू बदल अब समय की चाल ,
बन जा नारी की अब ढाल।
************ बिमला देवी
उनका ही अपमान किया ,
क्या तूने नादान किया ?
गर्भ में ही'' कल्याण'' किया।
गर्भ में कन्या को है मारा ,
ऐसे तू बन गया हत्यारा,
भविष्य में रहेगा कंवारा ,
तेरा कौन बनेगा सहारा ?
कौन जीवन साथी बनेगा ?
कौन तेरे तब संग चलेगा ?
कैसे तेरा वंश चलेगा ?
तू बन्दे फिर क्या करेगा ?
''बिमल''समय अब तो संभाल ,
बेटी को बड़े नाज़ से पाल ,
तू बदल अब समय की चाल ,
बन जा नारी की अब ढाल।
************ बिमला देवी
Sunday 12 October 2014
Friday 10 October 2014
स्वच्छता जीवन में अपनाएं
स्वच्छता जीवन में अपनाएं,स्वच्छता से जीवन बिताएं ,
स्वच्छ्ता रोग दूर करे सबके ,स्वच्छ भारत इतिहास रचाएं।
स्वच्छता ही जीवन की आन ,स्वच्छता ही जीवन कीशान
स्वच्छता धारण की जीवन में, दीर्घ होंगे तभी तो प्राण।
स्वच्छता से हम प्रीत लगाएं , सभी बीमारी दूर भगाएं ,
अभी समय चेतो 'बिमल'अब , अल्पायु न रोग लगाएं। ,
********बिमला देवी
Thursday 9 October 2014
Wednesday 8 October 2014
बच्चों को उपहार --प्रदूषण ?
धन कमाना
अपने जन्म दिए बच्चों को
पढ़ा लिखा कर बड़ा बनाना।
घर सजाना
महल बनाना
ऐश्वर्य युक्त जीवन को पाकर
खिल खिल जाना।
बूढ़े हो जाना
हाथ पैर ढीले पड़ जाना
शक्ति सारी क्षीण हो जाना
बच्चों में सेवा भाव जगाना
उनके कन्धों का ले सहारा
घर से स्वर्ग तक दौड़ लगाना।
आना और जाना।
आए तो गंदगी फैलाई
गए तो धुआँ फैलाया
प्रदूषण को और बढ़ाया ,,
जीवन भर जहां स्वास ली तुमने
एक पेड़ तक न लगाया।
पैरों तले रौंदा है जिसको
उस धरती पर तरस न खाया
पोलिथिन का कर प्रयोग
उसको ही बंजर बनाया।
जिसने शीतल छाँव दी तुमको
,चुल्हे में उसको जलाया
,'बिमल 'जरा सा तरस न आया।
न वर्षा अब समय पर होती
खाद्य पदार्थ शक्ति नहीं है
प्रदूषित ,शुद्ध कुछ भी नहीं है
जीवन की वो अवधि नही है।
जल प्रदूषित ,वायु प्रदूषित
मन प्रदूषित आयु प्रदूषित
प्रदूषण चारों ओर फैला
धरती का आँचल हुआ है मैला
गगन भी धुँए से भरा है
सूख गया कुछ न हरा है
प्रदूषण की बात करें
किसको क्या सौगात करें ?
बच्चों को उपहार -प्रदूषण ?
मानव का श्रृंगार -प्रदूषण ?
धरती का उद्दार -प्रदूषण?
अब करो कुछ ख्याल प्रदूषण ?
*****************बिमला देवी
अपने जन्म दिए बच्चों को
पढ़ा लिखा कर बड़ा बनाना।
घर सजाना
महल बनाना
ऐश्वर्य युक्त जीवन को पाकर
खिल खिल जाना।
बूढ़े हो जाना
हाथ पैर ढीले पड़ जाना
शक्ति सारी क्षीण हो जाना
बच्चों में सेवा भाव जगाना
उनके कन्धों का ले सहारा
घर से स्वर्ग तक दौड़ लगाना।
आना और जाना।
आए तो गंदगी फैलाई
गए तो धुआँ फैलाया
प्रदूषण को और बढ़ाया ,,
जीवन भर जहां स्वास ली तुमने
एक पेड़ तक न लगाया।
पैरों तले रौंदा है जिसको
उस धरती पर तरस न खाया
पोलिथिन का कर प्रयोग
उसको ही बंजर बनाया।
जिसने शीतल छाँव दी तुमको
,चुल्हे में उसको जलाया
,'बिमल 'जरा सा तरस न आया।
न वर्षा अब समय पर होती
खाद्य पदार्थ शक्ति नहीं है
प्रदूषित ,शुद्ध कुछ भी नहीं है
जीवन की वो अवधि नही है।
जल प्रदूषित ,वायु प्रदूषित
मन प्रदूषित आयु प्रदूषित
प्रदूषण चारों ओर फैला
धरती का आँचल हुआ है मैला
गगन भी धुँए से भरा है
सूख गया कुछ न हरा है
प्रदूषण की बात करें
किसको क्या सौगात करें ?
बच्चों को उपहार -प्रदूषण ?
मानव का श्रृंगार -प्रदूषण ?
धरती का उद्दार -प्रदूषण?
अब करो कुछ ख्याल प्रदूषण ?
*****************बिमला देवी
Tuesday 7 October 2014
विश्व को प्रदूषण रहित ,आओ करें
विश्व को प्रदूषण रहित ,आओ करें हम
स्वच्छ हो धरती ,स्वछता से अम्बर भरें हम
गंदगी न हो ,शुद्ध हो जाएं जल संसाधन
दूषित वायु न हो महके हर एक आँगन
निरोगी जीवन जिएं अम्बर तले हम
स्वच्छ हो धरती ,स्वछता से अम्बर भरें हम
दीर्घायु हो हर प्राणी ,मंगल मनावे
शुद्ध हवा जल शुद्ध भोजन हर प्राणीखावे
सात्विक भावों से अपने ,हृदय भरें हम स्वच्छ हो धरती ,स्वछता से अम्बर भरें हम
मन शुद्धि ,तन शुद्धि ,जग शुद्धि जरूरी
स्वच्छ संसार ,ये अभिलाषा ,होगी पूरी
जग का करें कल्याण 'बिमल 'खुद भी तरे हम ,
स्वच्छ हो धरती ,स्वछता से अम्बर भरें हम
******************बिमला देवी
स्वच्छ हो धरती ,स्वछता से अम्बर भरें हम
गंदगी न हो ,शुद्ध हो जाएं जल संसाधन
दूषित वायु न हो महके हर एक आँगन
निरोगी जीवन जिएं अम्बर तले हम
स्वच्छ हो धरती ,स्वछता से अम्बर भरें हम
दीर्घायु हो हर प्राणी ,मंगल मनावे
शुद्ध हवा जल शुद्ध भोजन हर प्राणीखावे
सात्विक भावों से अपने ,हृदय भरें हम स्वच्छ हो धरती ,स्वछता से अम्बर भरें हम
मन शुद्धि ,तन शुद्धि ,जग शुद्धि जरूरी
स्वच्छ संसार ,ये अभिलाषा ,होगी पूरी
जग का करें कल्याण 'बिमल 'खुद भी तरे हम ,
स्वच्छ हो धरती ,स्वछता से अम्बर भरें हम
******************बिमला देवी
Sunday 5 October 2014
Saturday 4 October 2014
Friday 3 October 2014
हम सब राम बनें
हम सब राम बनें
अपने अंदर के मानस का ,
अब कल्याण करें।
एक रावण पाला हम सबने
हृदय किया काला हम सबने
तपकर सोने की भांति
आओ भगवान बनें
हम सब राम बनें।
मैला हृदय हुआ अभागा
सोया रहा अब तक न जागा
ईर्ष्या क्रोध अभिमान का
अब निदान करें
हम सब राम बनें।
हम राम और तुम राम
' बिमल 'सब राम बने
अन्दर के रावण को मार
नेक इंसान बनें
हम सब राम बनें।
हम सब राम बनें।
*** बिमला देवी
अपने अंदर के मानस का ,
अब कल्याण करें।
एक रावण पाला हम सबने
हृदय किया काला हम सबने
तपकर सोने की भांति
आओ भगवान बनें
हम सब राम बनें।
मैला हृदय हुआ अभागा
सोया रहा अब तक न जागा
ईर्ष्या क्रोध अभिमान का
अब निदान करें
हम सब राम बनें।
हम राम और तुम राम
' बिमल 'सब राम बने
अन्दर के रावण को मार
नेक इंसान बनें
हम सब राम बनें।
हम सब राम बनें।
*** बिमला देवी
Wednesday 1 October 2014
मेरा भारत स्वच्छ बनेगा
मेरा भारत स्वच्छ बनेगा ,मिलकर कदमउठाएं ,दूर दूर तक कचरा न हो गंदगी न फैलाएं
पोलिथिन ने इतना सताया वातावरण है दूषित ,यहां वहां गंदगी फैली है ,धरती हुई है मूर्छित
सहनशीलता इस धरती की और न आजमाएं
मेरा भारत स्वच्छ बनेगा मिलकर कदमउठाएं
जल स्वच्छ हो, हवा स्वच्छ हो ,स्वच्छ जहां ये सारा ,प्रकृति का देंगे बनेगी तब ये सहारा
आने वाली पीढ़ी को प्रदूषण से बचाएं
मेरा भारत,,,,,
मीठी वाणी बोले हम सब ,भाव भी सुन्दर होंगे
मन की मैल को धो देंगे तो भाग्य भीउज्जवलहोंगे
पेड़ लगाएं तरह तरह के वातावरण बचाएं
मेरा भारत ,,,,,,,,,
* बिमला देवी
पोलिथिन ने इतना सताया वातावरण है दूषित ,यहां वहां गंदगी फैली है ,धरती हुई है मूर्छित
सहनशीलता इस धरती की और न आजमाएं
मेरा भारत स्वच्छ बनेगा मिलकर कदमउठाएं
जल स्वच्छ हो, हवा स्वच्छ हो ,स्वच्छ जहां ये सारा ,प्रकृति का देंगे बनेगी तब ये सहारा
आने वाली पीढ़ी को प्रदूषण से बचाएं
मेरा भारत,,,,,
मीठी वाणी बोले हम सब ,भाव भी सुन्दर होंगे
मन की मैल को धो देंगे तो भाग्य भीउज्जवलहोंगे
पेड़ लगाएं तरह तरह के वातावरण बचाएं
मेरा भारत ,,,,,,,,,
* बिमला देवी
Tuesday 30 September 2014
ਬਜੁਰਗ ਤਾਂ ਘਰ ਦਾ ਜਿੰਦਰਾ ਹੁੰਦੇ
ਬਜੁਰਗ ਤਾਂ ਘਰ ਦਾ ਜਿੰਦਰਾ ਹੁੰਦੇ ,ਕਹਿੰਦਾ ਕੁਲ ਜਹਾਨ
ਕਿੰਨਾ ਚੰਗਾ ਹੋਵੇ ਜੇ ਨਿਤ, ਕਰੀਏ ਇਹਨਾ ਨੂੰ ਪ੍ਰਨਾਮ।
ਉਂਗਲ ਫੜ ਤੁਰਨਾ ਸਿਖਾਇਆ,ਜੀਵਨ ਜਾਂਚ ਸਿਖਾਈ
ਹਰ ਪਲ ,ਹਰਦਮ ਸੋਚਿਆ ਸਾੰਨੂ ,ਵਾਂਗਰ ਜਿਵੇਂ ਸ਼ੈਦਾਈ
ਫੇਰ ਕਿਓ ਭੁਲ ਜਾਂਦੇ ਅਸੀਂ ਹਾਂ , ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਸੰਤਾਨ
ਬਜੁਰਗ ਤਾਂ ਘਰ ਦਾ ਜਿੰਦਰਾ ਹੁੰਦੇ ,ਕਹਿੰਦਾ ਕੁਲ ਜਹਾਨ।
ਕਿੰਨਾ ਚੰਗਾ ਹੋਵੇ ਜੇ ਨਿਤ, ਕਰੀਏ ਇਹਨਾ ਨੂੰ ਪ੍ਰਨਾਮ।
ਉਂਗਲ ਫੜ ਤੁਰਨਾ ਸਿਖਾਇਆ,ਜੀਵਨ ਜਾਂਚ ਸਿਖਾਈ
ਹਰ ਪਲ ,ਹਰਦਮ ਸੋਚਿਆ ਸਾੰਨੂ ,ਵਾਂਗਰ ਜਿਵੇਂ ਸ਼ੈਦਾਈ
ਫੇਰ ਕਿਓ ਭੁਲ ਜਾਂਦੇ ਅਸੀਂ ਹਾਂ , ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਸੰਤਾਨ
ਬਜੁਰਗ ਤਾਂ ਘਰ ਦਾ ਜਿੰਦਰਾ ਹੁੰਦੇ ,ਕਹਿੰਦਾ ਕੁਲ ਜਹਾਨ।
ਤਤੀ ਵਆ ਨਾ ਲਗੇ ਅਸਾਂ ਨੂੰ ,ਖੁਦ ਸੋ ਦੁਖ ਉਠਾਏ
ਪੜਾ ਲਿਖਾ ,ਬਾਬੂ ਬਣਾ, ਸਾਡੇ ਸੁੱਤੇ ਭਾਗ ਜਗਾਏ
ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਬੁੱਕਲ ਵਿਚ ਸੋ ਸੁਖ ,ਅੱਜ ਹੋਏ ਅਨਜਾਨ
ਬਜੁਰਗ ਤਾਂ ਘਰ ਦਾ ਜਿੰਦਰਾ ਹੁੰਦੇ ,ਕਹਿੰਦਾ ਕੁਲ ਜਹਾਨ।
'ਬਿਮਲ' 'ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਹਾਲਤ ਦੇਖੋ , ਮਾਰੇ ਮਾਰੇ ਫਿਰਦੇ
ਬਿਰਧ ਆਸ਼ਰਮ ਹੋਇਆ ਟਿਕਾਣਾ ,ਪੁਤਰ ਕਿਓਂ ਨੀ ਧਿਜਦੇ
ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚ ਤਾਂ ਰਬ ਵਸਦਾ ,ਕਿਓਂ ਸਮਝੇ ਨਾ ਇਨਸਾਨ
ਬਜੁਰਗ ਤਾਂ ਘਰ ਦਾ ਜਿੰਦਰਾ ਹੁੰਦੇ ,ਕਹਿੰਦਾ ਕੁਲ ਜਹਾਨ।
********************************* ਬਿਮਲਾ ਦੇਵੀ
********************************* ਬਿਮਲਾ ਦੇਵੀ
स्वच्छ भारत इतिहास रचाएं
स्वच्छता जीवन में अपनाएं ,
स्वच्छता से जीवन बिताएं ,
स्वच्छता रोग दूर करे सब के
स्वच्छ भारत इतिहास रचाएं।
स्वच्छता ही जीवन की आन
स्वच्छता ही जीवन की शान
स्वच्छता धारण की जीवन में
दीर्घ होंगे तभी तो प्राण।
स्वच्छता से हम प्रीत लगाएं
सभी बिमारी दूर भगाएं
अभी समय चेतो ' बिमल 'अब
अल्पायु ,न रोग लगाएं।
******************बिमला देवी
स्वच्छता से जीवन बिताएं ,
स्वच्छता रोग दूर करे सब के
स्वच्छ भारत इतिहास रचाएं।
स्वच्छता ही जीवन की आन
स्वच्छता ही जीवन की शान
स्वच्छता धारण की जीवन में
दीर्घ होंगे तभी तो प्राण।
स्वच्छता से हम प्रीत लगाएं
सभी बिमारी दूर भगाएं
अभी समय चेतो ' बिमल 'अब
अल्पायु ,न रोग लगाएं।
******************बिमला देवी
Monday 29 September 2014
गर्भ में बेटियाँ टुकड़े टुकड़े होती हैं
जिस धरती पर धरती को भी
माता समझा जाता है
नवरात्रों में कन्या को
विधाता समझा जाता है.
माता समझा जाता है
नवरात्रों में कन्या को
विधाता समझा जाता है.
वहीं गर्भ में बेटियाँ
टुकड़े टुकड़े होती हैं
जीवन ज्योति जगने से पहले
मौत की नींद में सोती हैं।
*********************बिमला देवी
जीवन ज्योति जगने से पहले
मौत की नींद में सोती हैं।
*********************बिमला देवी
Sunday 28 September 2014
ਦੇਸ਼ ਲਈ ਸੂਲੀ ਚੜ੍ਹ ਜਾਣਾ ,ਸੋਖਾ ਕੰਮ ਨਹੀ ਹੁੰਦਾ
ਦੇਸ਼ ਲਈ ਸੂਲੀ ਚੜ੍ਹ ਜਾਣਾ ,ਸੋਖਾ ਕੰਮ ਨਹੀ ਹੁੰਦਾ ,
ਤਨ ਮਨ ਧਨ ਸਬ ਕੁਝ ਲੁਟੋਨਾ ,ਸੋਖਾ ਕਮ ਨਹੀ ਹੁੰਦਾ।
ਓਸ ਵੇਲੇ ਜਦੋਂ ਸਾਰੀ ਖ਼ਲਕਤ ,ਦਿਲ ਦੇ ਅਰਮਾਨਾਂ ਦੀ ਸੋਚੇ
ਲਾ ਉਡਾਰੀ ਸੁਪਨੇ ਉਡਦੇ ,ਓਨ੍ਹਾਂ ਅਸਮਾਨਾਂ ਦੀ ਸੋਚੇ
ਸਿਰ ਤੇ ਜਨੂੰਨ ਅਜਾਦੀ ਵਾਲਾ ,ਸੋਖਾ ਕਮ ਨਹੀ ਹੁੰਦਾ
ਦੇਸ਼ ਲਈ ਸੂਲੀ ਚੜ੍ਹ ਜਾਣਾ ,ਸੋਖਾ ਕੰਮ ਨਹੀ ਹੁੰਦਾ।
ਸ਼ਹੀਦ ਭਗਤ ਸਿੰਘ ਵਾਰ ਗਏ ਨੇ ,ਵਤਨ ਤੇ ਆਪਣੀ ਜਿੰਦ ਪਿਆਰੀ
ਉਹ ਵੀ ਪੁਤ ਸੀ ਗਭਰੂ ਮਾ ਦਾ , ਕੀ ਉਸਦੀ ਸੀ ਜਿੰਦ ਨਿਆਰੀ
ਜਿਓਂਦੇ ਜੀ ਵਤਨੀ ਮਿਟ ਜਾਣਾ , ਸੋਖਾ ਕਮ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ
ਦੇਸ਼ ਲਈ ਸੂਲੀ ਚੜ੍ਹ ਜਾਣਾ , ਸੋਖਾ ਕੰਮ ਨਹੀ ਹੁੰਦਾ।
ਮਾਂ ਦੀਆਂ ਰੀਝਾਂ ਬਦਲੇ ਅਥਰੂ ,ਭੇਣ ਦੀ ਰਖੜੀ ਬਦਲੇ ਧਾਹਾਂ ,
ਦੁਲਹਨ ਬਣ ਗਈ ਮੋਤ ਮੁਟਿਆਰਨ ,ਆ ਕੇ ਲੈ ਗਈ ਵਿਚ ਕਲਾਵਾਂ
''ਬਿਮਲ'''ਸੁਨਾਓਨਾ ਇਹ ਅਫਸਾਨਾ ,ਸੋਖਾ ਕਮ ਨਹੀ ਹੁੰਦਾ
ਦੇਸ਼ ਲਈ ਸੂਲੀ ਚੜ੍ਹ ਜਾਣਾ ,ਸੋਖਾ ਕੰਮ ਨਹੀ ਹੁੰਦਾ।
******************************ਬਿਮਲਾ ਦੇਵੀ
Saturday 27 September 2014
स्वच्छ भारत, अभियान हमारा
स्वच्छ भारत, अभियान हमारा
शामिल हो, जिसमें जग सारा।
*****
स्वच्छ भारत की नई कहानी ,
पूर्ण होगी अगर जो ठानी।
*****
स्वच्छ भारत हो जाए हमारा ,
गंदगी से कर ले किनारा।
**************बिमला देवी
Friday 26 September 2014
विश्व को प्रदूषण रहित करें हम
विश्व को प्रदूषण रहित, आओ करें हम ,
स्वच्छ हो धरती ,स्वच्छ्ता से अम्बर भरें हम।
गन्दगी न हो, शुद्ध हो जाएं जल-संसाधन
दूषित वायु न हो ,महके हर एक आँगन
नीरोगी जीवन जिएं, अम्बर तले हम,
स्वच्छ हो धरती ,स्वच्छ्ता से अम्बर भरें हम।
दीर्घायु हो हर प्राणी, मंगल मनावे
शुद्ध हवा,जल ,शुद्ध भोजन हर प्राणी खावें
सात्विक भावों से अपने, हृदय भरें हम
स्वच्छ हो धरती ,स्वच्छ्ता से अम्बर भरें हम।
मन शुद्धि ,तन शुद्धि ,जग शुद्धि जरूरी
स्वच्छ संसार, ये अभिलाषा होगी पूरी
जग का करें कल्याण''बिमल '' खुद भी तरे हम
स्वच्छ हो धरती ,स्वच्छ्ता से अम्बर भरें हम।
**************************** बिमला देवी
स्वच्छ हो धरती ,स्वच्छ्ता से अम्बर भरें हम।
गन्दगी न हो, शुद्ध हो जाएं जल-संसाधन
दूषित वायु न हो ,महके हर एक आँगन
नीरोगी जीवन जिएं, अम्बर तले हम,
स्वच्छ हो धरती ,स्वच्छ्ता से अम्बर भरें हम।
दीर्घायु हो हर प्राणी, मंगल मनावे
शुद्ध हवा,जल ,शुद्ध भोजन हर प्राणी खावें
सात्विक भावों से अपने, हृदय भरें हम
स्वच्छ हो धरती ,स्वच्छ्ता से अम्बर भरें हम।
मन शुद्धि ,तन शुद्धि ,जग शुद्धि जरूरी
स्वच्छ संसार, ये अभिलाषा होगी पूरी
जग का करें कल्याण''बिमल '' खुद भी तरे हम
स्वच्छ हो धरती ,स्वच्छ्ता से अम्बर भरें हम।
**************************** बिमला देवी
Thursday 25 September 2014
गंगा को मैली किया
शिव के सिर गंगा विराजे ,पूजे हर इंसान ,
गंगा को को मैली किया ,कितना तू नादान।
कचरा ,गन्दगी बन कर नाले ,गंगा से जा मिलते हैं
फिर कहते गंगा नहाकर ,पाप कलुष सब धुलतें हैं
क्यों दूषित उसको करें , जिसमें करें स्नान
गंगा को को मैली किया ,कितना तू नादान।
गंगा माँ है ,माँ को कोई दूषित नही है करता
दुःख हरनी गंगाजल ,प्यासे की प्यास है हरता
ये ,तो खतों में हरियाली ,क्यों न हों कुर्बान
गंगा को को मैली किया ,कितना तू नादान।
गंगा में मलमल नहाया ,अपने पाप सब धोए
गंगा को मैली किया ,किससे दुखड़ा ये रोय
स्वच्छ करें गंगा'' बिमल '' अब कर्म करें महान
गंगा को को मैली किया ,कितना तू नादान।
***************************** बिमला देवी
गंगा को को मैली किया ,कितना तू नादान।
कचरा ,गन्दगी बन कर नाले ,गंगा से जा मिलते हैं
फिर कहते गंगा नहाकर ,पाप कलुष सब धुलतें हैं
क्यों दूषित उसको करें , जिसमें करें स्नान
गंगा को को मैली किया ,कितना तू नादान।
गंगा माँ है ,माँ को कोई दूषित नही है करता
दुःख हरनी गंगाजल ,प्यासे की प्यास है हरता
ये ,तो खतों में हरियाली ,क्यों न हों कुर्बान
गंगा को को मैली किया ,कितना तू नादान।
गंगा में मलमल नहाया ,अपने पाप सब धोए
गंगा को मैली किया ,किससे दुखड़ा ये रोय
स्वच्छ करें गंगा'' बिमल '' अब कर्म करें महान
गंगा को को मैली किया ,कितना तू नादान।
***************************** बिमला देवी
Wednesday 24 September 2014
पुरुषार्थ इसरो किया
ध्रुव तारा बन फिर से चमका
प्यारा भारत देश
नई मंज़िल पर पहुँच गया
ये मिल गया संदेश।
पुरुषार्थ ' इसरो ' किया
और दुआएं सब की
पूर्ण होंगे मंगल कार्य
रह गए जो शेष।
मंगल भाव ,मंगल काम
मंगल ही मंगल होगा
मंगल- यान मंगल -ग्रह उतरे
लेकर सो उद्देश।
गौरवान्वित महसूस करे हम
आओ जश्न मनाएंं,
भ्रातृत्व का 'बिमल' विश्व को
दें नया संदेश।
**********************बिमला देवी
प्यारा भारत देश
नई मंज़िल पर पहुँच गया
ये मिल गया संदेश।
पुरुषार्थ ' इसरो ' किया
और दुआएं सब की
पूर्ण होंगे मंगल कार्य
रह गए जो शेष।
मंगल भाव ,मंगल काम
मंगल ही मंगल होगा
मंगल- यान मंगल -ग्रह उतरे
लेकर सो उद्देश।
गौरवान्वित महसूस करे हम
आओ जश्न मनाएंं,
भ्रातृत्व का 'बिमल' विश्व को
दें नया संदेश।
**********************बिमला देवी
Monday 22 September 2014
स्वच्छ्ता अपनाएं
स्वच्छ्ता की, दुनियां पुजारी
गन्दगी से, सृस्टि तक हारी।
*****
जीवन में, शुद्धता अपनाएं ,
जीवन मंगलमय बिताएं।
******
स्वच्छ्ता का हमें , हो आभास ,
रोग नहीं कोई, आए पास।
****************बिमला देवी
Sunday 21 September 2014
मेरा भारत स्वच्छ बनेगा
मेरा भारत स्वच्छ बनेगा ,मिलकर कदम उठाएं
दूर दूर तक कचरा न हो ,भाव ये मन में जगाएं।
पोलिथिन ने कहर मचाया, वातावरण है दूषित
यहां वहां गंदगी फैली है , धरती हुई है मूर्छित
सहनशीलता इस धरती की , और न आजमाएं
मेरा भारत स्वच्छ बनेगा ,मिलकर कदम उठाएं
जल स्वच्छ हो ,हवा स्वच्छ हो, स्वच्छ जहाँ ये सारा
प्रकृति का साथ जो देंगे , बनेगी तब ये सहारा
भावी पीढ़ी को मिलकर ,प्रदूषण मुक्त कराएं
मेरा भारत स्वच्छ बनेगा ,मिलकर कदम उठाएं
मीठी वाणी बोले हम सब ,भाव भी सुन्दर होंगे
मेरा भारत स्वच्छ बनेगा ,मिलकर कदम उठाएं।
************************बिमला देवी
दूर दूर तक कचरा न हो ,भाव ये मन में जगाएं।
पोलिथिन ने कहर मचाया, वातावरण है दूषित
यहां वहां गंदगी फैली है , धरती हुई है मूर्छित
सहनशीलता इस धरती की , और न आजमाएं
मेरा भारत स्वच्छ बनेगा ,मिलकर कदम उठाएं
जल स्वच्छ हो ,हवा स्वच्छ हो, स्वच्छ जहाँ ये सारा
प्रकृति का साथ जो देंगे , बनेगी तब ये सहारा
भावी पीढ़ी को मिलकर ,प्रदूषण मुक्त कराएं
मेरा भारत स्वच्छ बनेगा ,मिलकर कदम उठाएं
मीठी वाणी बोले हम सब ,भाव भी सुन्दर होंगे
मन की मैल को धो देंगे तो भाव भी उज्ज्वल होंगे
पेड़ लगाएं तरह तरह के , वातावरण बचाएंमेरा भारत स्वच्छ बनेगा ,मिलकर कदम उठाएं।
************************बिमला देवी
Thursday 18 September 2014
इस धरती पर हर तरफ हो जाये उजियारा
अपने अपने देशों में, सब मंगल गाएं ,
अपने अपने देशो में, सब खुशी मनाएँ,
अपने अपने देशों में, उन्नति करें सब ,
शक्तिशाली ,निर्बल पर न, जुल्म हैं ढाए।
सब को मालूम हो , अपनी अपनी मर्यादा ,
भावना मन से त्याग दें ,हथियाने की ज्यादा ,
जितना कर्म करेंगे , उतना मिल जायेगा ,
बीत रहा जीवन , न फिर से लौट पायेगा।
इस धरती पर हर तरफ, हो जाये उजियारा ,
धरती का हर प्राणी, हो ह्म सब को प्यारा ,
न मन में हो राग द्वेष , नफरत न हो कभी,
इस धरती पर प्रेम प्यार से ,''बिमल ''रहें सभी।
हम सब में हो जायेगा, यूँ भाईचारा
सार्थक हो जायेगा ऐसे, जन्म हमारा।
*************************बिमला देवी
अपने अपने देशो में, सब खुशी मनाएँ,
अपने अपने देशों में, उन्नति करें सब ,
शक्तिशाली ,निर्बल पर न, जुल्म हैं ढाए।
सब को मालूम हो , अपनी अपनी मर्यादा ,
भावना मन से त्याग दें ,हथियाने की ज्यादा ,
जितना कर्म करेंगे , उतना मिल जायेगा ,
बीत रहा जीवन , न फिर से लौट पायेगा।
इस धरती पर हर तरफ, हो जाये उजियारा ,
धरती का हर प्राणी, हो ह्म सब को प्यारा ,
न मन में हो राग द्वेष , नफरत न हो कभी,
इस धरती पर प्रेम प्यार से ,''बिमल ''रहें सभी।
हम सब में हो जायेगा, यूँ भाईचारा
सार्थक हो जायेगा ऐसे, जन्म हमारा।
*************************बिमला देवी
Wednesday 17 September 2014
प्रदूषण रहित दुनियां बनाएं
बच्चा बच्चा करे पुकार ,
हरा भरा हो सब संसार।
युद्ध स्तर पर पेड़ लगाएं ,
प्रदूषण रहित दुनियां बनाएं।
धरती माता करे पुकार ,
पेड़ लगाकर कर उपकार।
*बिमला देवी *
हरा भरा हो सब संसार।
युद्ध स्तर पर पेड़ लगाएं ,
प्रदूषण रहित दुनियां बनाएं।
धरती माता करे पुकार ,
पेड़ लगाकर कर उपकार।
*बिमला देवी *
कश्मीर की आँखों से
कश्मीर की आँखों से निरन्तर,
बह रही अश्रु की धारा,
पानी के सैलाब में ,
बह गया गुलिस्तां हमारा।
जन्नत सी सुंदरता कहाँ ?
;भुखमरी है यहां वहां ,
अस्त व्यस्त कायनात हो जैसे ,
बिखर गया है आशियाँ ,
आओ मिल मदद करें हम , ,
हाथ बढ़ा दे दें सहारा ,
मानवता की सेवा हित में ,
''बिमल''यही है फ़र्ज़ हमारा।
---------
* बिमला देवी *
बह रही अश्रु की धारा,
पानी के सैलाब में ,
बह गया गुलिस्तां हमारा।
जन्नत सी सुंदरता कहाँ ?
;भुखमरी है यहां वहां ,
अस्त व्यस्त कायनात हो जैसे ,
बिखर गया है आशियाँ ,
आओ मिल मदद करें हम , ,
हाथ बढ़ा दे दें सहारा ,
मानवता की सेवा हित में ,
''बिमल''यही है फ़र्ज़ हमारा।
---------
* बिमला देवी *
Tuesday 16 September 2014
अहिंसा ( मुक्तक)
जैसे नदी में
जल की धारा
पवित्र जीवन हो
सदा हमारा।
छल कपट न
मन में धारें
अहिंसा संग
जीवन गुजारें
**** बिमला देवी
जल की धारा
पवित्र जीवन हो
सदा हमारा।
छल कपट न
मन में धारें
अहिंसा संग
जीवन गुजारें
**** बिमला देवी
पोलिथिन बंद ,करो उद्दार
धरती की भी
सुनो पुकार
पोलिथिन बंद ,
करो उद्दार।
पोलिथिन ऐसा
आया है
अमृत को
जहर बनाया है।
गंगा ,यमुना
नदियें बेचारी
पोलिथिन से
प्रदूषित सारी।
पोलिथिन से
मुँह न ढकना
साँस रुके ,
जीवन बने सपना।
*बिमला देवी *
****
सुनो पुकार
पोलिथिन बंद ,
करो उद्दार।
पोलिथिन ऐसा
आया है
अमृत को
जहर बनाया है।
गंगा ,यमुना
नदियें बेचारी
पोलिथिन से
प्रदूषित सारी।
पोलिथिन से
मुँह न ढकना
साँस रुके ,
जीवन बने सपना।
*बिमला देवी *
****
Monday 15 September 2014
ग्लेशियर पिंघल रहे गर्मी से
गोधूलि में राह प्रियतम की
कैसे तके बाला
हर तरफ धुआँ धुआँ है
काला सयाह काला।
बढ़ी आबादी मानव ने
जंगल मिटा डाला ,
स्वच्छ हवा न स्वच्छ है जल ,
प्रदूषण का बोलबाला।
काट पेड़ अमृत को हमने
विष बना डाला ,
तपश बढ़ी है हर तरफ ,
जैसे जले ज्वाला।
ग्लेशियर पिंघल रहे गर्मी से
बाढ़ का आलम है
खुद के खुद दुश्मन'' बिमल''
किससे शिकायत है। *बिमला देवी *
*******
कैसे तके बाला
हर तरफ धुआँ धुआँ है
काला सयाह काला।
बढ़ी आबादी मानव ने
जंगल मिटा डाला ,
स्वच्छ हवा न स्वच्छ है जल ,
प्रदूषण का बोलबाला।
काट पेड़ अमृत को हमने
विष बना डाला ,
तपश बढ़ी है हर तरफ ,
जैसे जले ज्वाला।
ग्लेशियर पिंघल रहे गर्मी से
बाढ़ का आलम है
खुद के खुद दुश्मन'' बिमल''
किससे शिकायत है। *बिमला देवी *
*******
अहिंसा की सुगन्ध फैलाएं
जीवन में हम
खुशी मनाएं
अहिंसा की
सुगन्ध फैलाएं।
विश्व -शान्ति
हो प्रसार
अहिंसा का सदा
करें प्रचार।
जीओ ,
जीने दो की भाषा
मानव हर सीखे
करें ये आशा।
महावीर जी के
गुण गाएं
हिंसा छोड़ कर
सद्गति पाएं। * बिमला देवी *
खुशी मनाएं
अहिंसा की
सुगन्ध फैलाएं।
विश्व -शान्ति
हो प्रसार
अहिंसा का सदा
करें प्रचार।
जीओ ,
जीने दो की भाषा
मानव हर सीखे
करें ये आशा।
महावीर जी के
गुण गाएं
हिंसा छोड़ कर
सद्गति पाएं। * बिमला देवी *
Sunday 14 September 2014
कम से कम एक पेड़ लगाओ
कहीं दमा तो कहीं तपेदिक,
किसी को आता है बुखार,
चारों ओर फैला प्रदूषण
इसने किया सबको बीमार।
मोटर -कार ,कहीं फैक्ट्री ,
की चिमनी से निकले धुआँ,
कार्बनडाइऑक्साइड हर तरफ ,
ऑक्सीज़न का हुआ खात्मा।
वृक्ष कहाँ जो ताजी हवा को ,
उगलें ,खाएं गन्दी हवा ,
मानव इसका उत्तरदायी,
वृक्ष काट खुद हुआ तबाह।
अभी समय खुद को बचा लो ,
वातावरण की करो सफाई ,
कम से कम एक पेड़ लगाओ ,
बात ''बिमल ''जो समझ में आई।
*******
किसी को आता है बुखार,
चारों ओर फैला प्रदूषण
इसने किया सबको बीमार।
मोटर -कार ,कहीं फैक्ट्री ,
की चिमनी से निकले धुआँ,
कार्बनडाइऑक्साइड हर तरफ ,
ऑक्सीज़न का हुआ खात्मा।
वृक्ष कहाँ जो ताजी हवा को ,
उगलें ,खाएं गन्दी हवा ,
मानव इसका उत्तरदायी,
वृक्ष काट खुद हुआ तबाह।
अभी समय खुद को बचा लो ,
वातावरण की करो सफाई ,
कम से कम एक पेड़ लगाओ ,
बात ''बिमल ''जो समझ में आई।
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