धरती की भी
सुनो पुकार
पोलिथिन बंद ,
करो उद्दार।
पोलिथिन ऐसा
आया है
अमृत को
जहर बनाया है।
गंगा ,यमुना
नदियें बेचारी
पोलिथिन से
प्रदूषित सारी।
पोलिथिन से
मुँह न ढकना
साँस रुके ,
जीवन बने सपना।
*बिमला देवी *
****
सुनो पुकार
पोलिथिन बंद ,
करो उद्दार।
पोलिथिन ऐसा
आया है
अमृत को
जहर बनाया है।
गंगा ,यमुना
नदियें बेचारी
पोलिथिन से
प्रदूषित सारी।
पोलिथिन से
मुँह न ढकना
साँस रुके ,
जीवन बने सपना।
*बिमला देवी *
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