Wednesday 3 September 2014

इन्सान हम बनेंगे ,

संकल्प तो यही  है    ,इन्सान हम बनेंगे ,
इन्सान बन गए तो , भगवान हम बनेंगे।

हम जैन ,बुद्ध ,हिन्दू।,मुस्लिम ,सिक्ख ,ईसाई ,
आपस में भाई सारे ,  सब प्रेम से रहेंगे।

विषयों में पड़कर तूने , ये उमर ही गँवा ली ,
अरे चेत अब तूं प्राणी ,मानुष जन्म न मिलेंगे।

प्रभू की शरण में आकर,'' बिमल ''प्रीत अब लगाले ,
कट जाएँ फंदे तेरे ,  भगवान तब  मिलेंगे।

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