अपने अपने देशों में, सब मंगल गाएं ,
अपने अपने देशो में, सब खुशी मनाएँ,
अपने अपने देशों में, उन्नति करें सब ,
शक्तिशाली ,निर्बल पर न, जुल्म हैं ढाए।
सब को मालूम हो , अपनी अपनी मर्यादा ,
भावना मन से त्याग दें ,हथियाने की ज्यादा ,
जितना कर्म करेंगे , उतना मिल जायेगा ,
बीत रहा जीवन , न फिर से लौट पायेगा।
इस धरती पर हर तरफ, हो जाये उजियारा ,
धरती का हर प्राणी, हो ह्म सब को प्यारा ,
न मन में हो राग द्वेष , नफरत न हो कभी,
इस धरती पर प्रेम प्यार से ,''बिमल ''रहें सभी।
हम सब में हो जायेगा, यूँ भाईचारा
सार्थक हो जायेगा ऐसे, जन्म हमारा।
*************************बिमला देवी
अपने अपने देशो में, सब खुशी मनाएँ,
अपने अपने देशों में, उन्नति करें सब ,
शक्तिशाली ,निर्बल पर न, जुल्म हैं ढाए।
सब को मालूम हो , अपनी अपनी मर्यादा ,
भावना मन से त्याग दें ,हथियाने की ज्यादा ,
जितना कर्म करेंगे , उतना मिल जायेगा ,
बीत रहा जीवन , न फिर से लौट पायेगा।
इस धरती पर हर तरफ, हो जाये उजियारा ,
धरती का हर प्राणी, हो ह्म सब को प्यारा ,
न मन में हो राग द्वेष , नफरत न हो कभी,
इस धरती पर प्रेम प्यार से ,''बिमल ''रहें सभी।
हम सब में हो जायेगा, यूँ भाईचारा
सार्थक हो जायेगा ऐसे, जन्म हमारा।
*************************बिमला देवी
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