Bimla Devi
Tuesday 16 September 2014
अहिंसा ( मुक्तक)
जैसे नदी में
जल की धारा
पवित्र जीवन हो
सदा हमारा।
छल कपट न
मन में धारें
अहिंसा संग
जीवन गुजारें
**** बिमला देवी
1 comment:
Unknown
17 September 2014 at 08:40
बहुत उम्दा अभिव्यक्ति
Reply
Delete
Replies
Reply
Add comment
Load more...
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
बहुत उम्दा अभिव्यक्ति
ReplyDelete