क्षमा हृदय धारण करे जो ,
बन जाता इन्सान वो
इन्सानों की बस्ती में रहकर
बन जाता भगवान वो।
वीर पुरुष कहते उसी को ,
क्षमाशील जो होता है ,
करुणा के पावन नीर से'
हृदय कलुष को धोता है.
क्षमा धर्म है ,क्षमा कर्म है ,
क्षमा का करते रहें हम ध्यान
ईर्ष्या भरी दुनियां में रहकर।,
''बिमल''करे सदा कल्याण।
*******
बन जाता इन्सान वो
इन्सानों की बस्ती में रहकर
बन जाता भगवान वो।
वीर पुरुष कहते उसी को ,
क्षमाशील जो होता है ,
करुणा के पावन नीर से'
हृदय कलुष को धोता है.
क्षमा धर्म है ,क्षमा कर्म है ,
क्षमा का करते रहें हम ध्यान
ईर्ष्या भरी दुनियां में रहकर।,
''बिमल''करे सदा कल्याण।
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