Saturday 6 September 2014

पेड़ जीवन प्राण आधार

पेड़ बागों की बहार हैं ,  ये तीजों का श्रृंगार हैं
हर जीवन का जीवन है, ये जीवन का ख़ुमार है।

ये खिले तो फूल खिले ,इनके दम बगिया सजे
इनके दम से तीज के दिन ,झूलों पर निखार है

मत काट इन्हे मीत मेरे ,क्यों इनके दुश्मन बने
ये नहीं तो कुछ  नही ;   शुन्य सब संसार है।

साँस तेरी इनके दम से ,धड़कन चलती इनके दम से
मत भूलो ये बात ''बिमल ''ये जीवन प्राण आधार हैं।

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