Wednesday 3 September 2014

वृक्ष लगाकर ,कर उपकार

पूर्वजों की याद को ,पल में मिटा दिया ,
वृक्ष काट काट कर, उनको भुला दिया ,

स्वार्थवश हो खुद हमने ,खुद को मिटा डाला  ,
जिन्दगी को मौत का ,प्याला पिला डाला।

ये कैसा उपहार दिया ,हमने नई पीढ़ी को
जहरीली गैसों से जकड़ ,डाला नई पीढ़ी को

हम तो जी चुके वो कैसे ,जीयेंगे ख्याल कर ,
वृक्ष लगाकर ''बिमल ''उनपर कुछ उपकार कर। 

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