Tuesday 30 September 2014

ਬਜੁਰਗ ਤਾਂ ਘਰ ਦਾ ਜਿੰਦਰਾ ਹੁੰਦੇ

ਬਜੁਰਗ ਤਾਂ ਘਰ ਦਾ ਜਿੰਦਰਾ ਹੁੰਦੇ ,ਕਹਿੰਦਾ ਕੁਲ ਜਹਾਨ
ਕਿੰਨਾ ਚੰਗਾ ਹੋਵੇ ਜੇ ਨਿਤ, ਕਰੀਏ ਇਹਨਾ ਨੂੰ ਪ੍ਰਨਾਮ।

ਉਂਗਲ ਫੜ ਤੁਰਨਾ  ਸਿਖਾਇਆ,ਜੀਵਨ ਜਾਂਚ ਸਿਖਾਈ
ਹਰ ਪਲ ,ਹਰਦਮ ਸੋਚਿਆ ਸਾੰਨੂ ,ਵਾਂਗਰ ਜਿਵੇਂ ਸ਼ੈਦਾਈ
ਫੇਰ ਕਿਓ ਭੁਲ ਜਾਂਦੇ ਅਸੀਂ ਹਾਂ , ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਸੰਤਾਨ
  ਬਜੁਰਗ ਤਾਂ ਘਰ ਦਾ ਜਿੰਦਰਾ ਹੁੰਦੇ ,ਕਹਿੰਦਾ ਕੁਲ ਜਹਾਨ।

ਤਤੀ  ਵਆ ਨਾ ਲਗੇ ਅਸਾਂ ਨੂੰ ,ਖੁਦ ਸੋ ਦੁਖ ਉਠਾਏ 
ਪੜਾ ਲਿਖਾ ,ਬਾਬੂ ਬਣਾ, ਸਾਡੇ ਸੁੱਤੇ ਭਾਗ ਜਗਾਏ 
ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਬੁੱਕਲ ਵਿਚ ਸੋ ਸੁਖ ,ਅੱਜ ਹੋਏ ਅਨਜਾਨ
 ਬਜੁਰਗ ਤਾਂ ਘਰ ਦਾ ਜਿੰਦਰਾ ਹੁੰਦੇ ,ਕਹਿੰਦਾ ਕੁਲ ਜਹਾਨ। 

'ਬਿਮਲ' 'ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਹਾਲਤ ਦੇਖੋ , ਮਾਰੇ ਮਾਰੇ ਫਿਰਦੇ 
ਬਿਰਧ ਆਸ਼ਰਮ ਹੋਇਆ ਟਿਕਾਣਾ ,ਪੁਤਰ ਕਿਓਂ ਨੀ ਧਿਜਦੇ 
ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚ ਤਾਂ ਰਬ ਵਸਦਾ ,ਕਿਓਂ ਸਮਝੇ ਨਾ ਇਨਸਾਨ
 ਬਜੁਰਗ ਤਾਂ ਘਰ ਦਾ ਜਿੰਦਰਾ ਹੁੰਦੇ ,ਕਹਿੰਦਾ ਕੁਲ ਜਹਾਨ।

********************************* ਬਿਮਲਾ ਦੇਵੀ


स्वच्छ भारत इतिहास रचाएं

स्वच्छता जीवन में अपनाएं ,
  स्वच्छता से जीवन बिताएं ,
         स्वच्छता  रोग दूर करे सब के
             स्वच्छ भारत इतिहास रचाएं।

स्वच्छता  ही जीवन की आन
     स्वच्छता  ही जीवन की शान
         स्वच्छता  धारण की जीवन में
             दीर्घ होंगे तभी तो प्राण।

स्वच्छता  से हम प्रीत लगाएं
        सभी बिमारी दूर भगाएं
          अभी समय चेतो ' बिमल 'अब
             अल्पायु ,न रोग लगाएं।

******************बिमला देवी 

Monday 29 September 2014

गर्भ में बेटियाँ टुकड़े टुकड़े होती हैं

जिस  धरती पर धरती को भी
    माता समझा जाता है
        नवरात्रों में कन्या को
           विधाता समझा जाता है.
वहीं गर्भ में बेटियाँ 
           टुकड़े टुकड़े होती हैं
                   जीवन ज्योति जगने से पहले
                          मौत की नींद में सोती हैं।

*********************बिमला  देवी 

Sunday 28 September 2014

ਦੇਸ਼ ਲਈ ਸੂਲੀ ਚੜ੍ਹ ਜਾਣਾ ,ਸੋਖਾ ਕੰਮ ਨਹੀ ਹੁੰਦਾ

ਦੇਸ਼ ਲਈ ਸੂਲੀ ਚੜ੍ਹ ਜਾਣਾ ,ਸੋਖਾ ਕੰਮ ਨਹੀ ਹੁੰਦਾ ,
 ਤਨ ਮਨ ਧਨ ਸਬ ਕੁਝ ਲੁਟੋਨਾ ,ਸੋਖਾ ਕਮ ਨਹੀ ਹੁੰਦਾ। 

ਓਸ ਵੇਲੇ ਜਦੋਂ ਸਾਰੀ ਖ਼ਲਕਤ ,ਦਿਲ ਦੇ ਅਰਮਾਨਾਂ ਦੀ ਸੋਚੇ 
ਲਾ ਉਡਾਰੀ ਸੁਪਨੇ ਉਡਦੇ   ,ਓਨ੍ਹਾਂ ਅਸਮਾਨਾਂ ਦੀ ਸੋਚੇ 
ਸਿਰ ਤੇ ਜਨੂੰਨ ਅਜਾਦੀ ਵਾਲਾ ,ਸੋਖਾ ਕਮ ਨਹੀ ਹੁੰਦਾ
 ਦੇਸ਼ ਲਈ ਸੂਲੀ ਚੜ੍ਹ ਜਾਣਾ ,ਸੋਖਾ ਕੰਮ ਨਹੀ ਹੁੰਦਾ। 

ਸ਼ਹੀਦ ਭਗਤ ਸਿੰਘ ਵਾਰ ਗਏ ਨੇ ,ਵਤਨ ਤੇ ਆਪਣੀ ਜਿੰਦ ਪਿਆਰੀ 
ਉਹ ਵੀ ਪੁਤ ਸੀ ਗਭਰੂ ਮਾ ਦਾ ,  ਕੀ ਉਸਦੀ ਸੀ ਜਿੰਦ ਨਿਆਰੀ 
ਜਿਓਂਦੇ ਜੀ ਵਤਨੀ ਮਿਟ ਜਾਣਾ ,  ਸੋਖਾ ਕਮ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ 
 ਦੇਸ਼ ਲਈ ਸੂਲੀ ਚੜ੍ਹ ਜਾਣਾ ,  ਸੋਖਾ ਕੰਮ ਨਹੀ ਹੁੰਦਾ। 

ਮਾਂ ਦੀਆਂ ਰੀਝਾਂ ਬਦਲੇ ਅਥਰੂ ,ਭੇਣ ਦੀ ਰਖੜੀ ਬਦਲੇ ਧਾਹਾਂ ,
ਦੁਲਹਨ ਬਣ ਗਈ ਮੋਤ ਮੁਟਿਆਰਨ ,ਆ ਕੇ  ਲੈ ਗਈ ਵਿਚ ਕਲਾਵਾਂ 
''ਬਿਮਲ'''ਸੁਨਾਓਨਾ ਇਹ ਅਫਸਾਨਾ ,ਸੋਖਾ ਕਮ ਨਹੀ ਹੁੰਦਾ
 ਦੇਸ਼ ਲਈ ਸੂਲੀ ਚੜ੍ਹ ਜਾਣਾ ,ਸੋਖਾ ਕੰਮ ਨਹੀ ਹੁੰਦਾ। 

******************************ਬਿਮਲਾ ਦੇਵੀ 

Saturday 27 September 2014

स्वच्छ भारत, अभियान हमारा

स्वच्छ भारत, अभियान हमारा 
शामिल हो, जिसमें जग सारा। 

         *****

स्वच्छ भारत की नई कहानी ,
 पूर्ण होगी अगर जो ठानी।

          *****

स्वच्छ भारत हो जाए हमारा ,
गंदगी से कर ले किनारा। 


 **************बिमला देवी 

Friday 26 September 2014

विश्व को प्रदूषण रहित करें हम

विश्व  को प्रदूषण रहित, आओ  करें  हम ,
स्वच्छ हो धरती ,स्वच्छ्ता से अम्बर भरें हम।

गन्दगी न हो, शुद्ध हो जाएं  जल-संसाधन
दूषित वायु न हो ,महके हर एक आँगन
नीरोगी जीवन जिएं, अम्बर तले हम,
स्वच्छ हो धरती ,स्वच्छ्ता से अम्बर भरें हम।


  दीर्घायु हो हर प्राणी,  मंगल मनावे
  शुद्ध  हवा,जल ,शुद्ध भोजन हर प्राणी खावें
  सात्विक भावों से अपने, हृदय भरें हम
  स्वच्छ हो धरती ,स्वच्छ्ता से अम्बर भरें हम।


   मन शुद्धि ,तन शुद्धि ,जग शुद्धि जरूरी
  स्वच्छ संसार, ये  अभिलाषा होगी पूरी
 जग का करें कल्याण''बिमल '' खुद भी तरे हम
  स्वच्छ हो धरती ,स्वच्छ्ता से अम्बर भरें हम।

**************************** बिमला देवी

Thursday 25 September 2014

गंगा को मैली किया

 शिव के सिर गंगा विराजे ,पूजे हर इंसान ,
गंगा को को मैली किया ,कितना तू नादान।

कचरा ,गन्दगी बन कर नाले ,गंगा से जा मिलते हैं
फिर कहते गंगा नहाकर ,पाप कलुष सब धुलतें हैं
क्यों दूषित उसको करें , जिसमें करें स्नान
गंगा को को मैली किया ,कितना तू नादान।

गंगा माँ है ,माँ को कोई दूषित नही है करता
दुःख हरनी  गंगाजल ,प्यासे की प्यास है हरता
ये ,तो खतों में हरियाली ,क्यों न हों कुर्बान
गंगा को को मैली किया ,कितना तू नादान।

गंगा में मलमल नहाया ,अपने पाप सब धोए
गंगा को मैली किया ,किससे दुखड़ा ये रोय
 स्वच्छ करें गंगा'' बिमल '' अब कर्म करें महान
गंगा को को मैली किया ,कितना तू नादान।

***************************** बिमला देवी

Wednesday 24 September 2014

पुरुषार्थ इसरो किया

ध्रुव तारा बन फिर से चमका
      प्यारा भारत देश
           नई  मंज़िल पर पहुँच गया
               ये मिल गया  संदेश।
पुरुषार्थ  ' इसरो ' किया
    और दुआएं सब की
        पूर्ण होंगे मंगल कार्य
            रह गए जो शेष।
मंगल भाव ,मंगल काम
         मंगल ही मंगल होगा
             मंगल- यान मंगल -ग्रह उतरे
                    लेकर सो उद्देश।
गौरवान्वित महसूस करे हम
    आओ जश्न मनाएंं,
     भ्रातृत्व का 'बिमल' विश्व को
         दें नया संदेश।

**********************बिमला देवी
          

Monday 22 September 2014

स्वच्छ्ता अपनाएं

स्वच्छ्ता की, दुनियां पुजारी


गन्दगी से, सृस्टि तक हारी।

              *****

जीवन में, शुद्धता अपनाएं ,

जीवन मंगलमय बिताएं। 

                      ******

स्वच्छ्ता का हमें , हो आभास ,

रोग नहीं कोई, आए पास। 

****************बिमला देवी 

Sunday 21 September 2014

मेरा भारत स्वच्छ बनेगा

  मेरा भारत स्वच्छ  बनेगा ,मिलकर कदम उठाएं
  दूर दूर तक कचरा न हो ,भाव ये मन में जगाएं।

पोलिथिन ने कहर मचाया, वातावरण है दूषित
यहां वहां गंदगी फैली है ,  धरती हुई है मूर्छित
सहनशीलता इस धरती की , और न आजमाएं
 मेरा भारत स्वच्छ  बनेगा ,मिलकर कदम उठाएं


जल स्वच्छ हो ,हवा स्वच्छ हो, स्वच्छ जहाँ ये सारा
प्रकृति का साथ जो देंगे ,  बनेगी तब ये सहारा
भावी पीढ़ी को मिलकर ,प्रदूषण मुक्त कराएं
 मेरा भारत स्वच्छ  बनेगा ,मिलकर कदम उठाएं


मीठी वाणी बोले हम सब ,भाव भी सुन्दर होंगे
मन की मैल को धो देंगे तो भाव भी उज्ज्वल होंगे
 पेड़ लगाएं तरह तरह के  , वातावरण बचाएं
 मेरा भारत स्वच्छ  बनेगा ,मिलकर कदम उठाएं।

************************बिमला देवी
                                                 
                                                             
                           
                                                                     

Thursday 18 September 2014

इस धरती पर हर तरफ हो जाये उजियारा

अपने अपने देशों में,  सब मंगल गाएं ,
अपने अपने देशो में,  सब खुशी मनाएँ,
 अपने अपने देशों में,  उन्नति करें सब ,
शक्तिशाली ,निर्बल पर न,  जुल्म हैं ढाए।


सब को मालूम हो , अपनी अपनी मर्यादा ,
भावना मन से त्याग दें ,हथियाने की ज्यादा ,
जितना कर्म करेंगे , उतना मिल जायेगा ,
बीत रहा जीवन , न फिर से लौट पायेगा।


इस धरती पर हर तरफ,  हो जाये उजियारा ,
धरती का हर प्राणी,   हो ह्म सब को प्यारा ,
न मन में हो राग द्वेष , नफरत न  हो कभी,
इस धरती पर प्रेम प्यार से ,''बिमल ''रहें सभी।

हम सब में हो जायेगा,  यूँ भाईचारा
सार्थक हो जायेगा ऐसे, जन्म हमारा।


*************************बिमला देवी 

Wednesday 17 September 2014

प्रदूषण रहित दुनियां बनाएं

बच्चा बच्चा करे पुकार ,
        हरा भरा हो सब संसार।


युद्ध स्तर पर पेड़ लगाएं ,
       प्रदूषण रहित दुनियां बनाएं।


धरती माता करे पुकार ,
           पेड़ लगाकर कर उपकार।

                                                   *बिमला देवी *

कश्मीर की आँखों से

कश्मीर की आँखों से निरन्तर,
        बह   रही अश्रु की धारा,
                   पानी के सैलाब में ,
                          बह गया गुलिस्तां हमारा।
जन्नत सी सुंदरता कहाँ ?
           ;भुखमरी है यहां वहां ,
                  अस्त व्यस्त कायनात हो जैसे ,
                             बिखर गया है आशियाँ ,
आओ मिल मदद करें हम , ,
            हाथ बढ़ा दे दें सहारा ,
                    मानवता की सेवा हित में ,
                          ''बिमल''यही है फ़र्ज़ हमारा।
       
                                ---------
                                                    * बिमला देवी *

Tuesday 16 September 2014

अहिंसा ( मुक्तक)

जैसे नदी में
          जल की धारा
पवित्र जीवन हो
               सदा हमारा।


छल कपट न
               मन में धारें
      अहिंसा संग
                जीवन गुजारें

                  ****                       बिमला देवी 

पोलिथिन बंद ,करो उद्दार

धरती की भी
        सुनो पुकार
              पोलिथिन बंद ,
                   करो उद्दार।


पोलिथिन ऐसा
        आया है
            अमृत को
                जहर बनाया है।


गंगा ,यमुना
      नदियें बेचारी
           पोलिथिन से
                  प्रदूषित सारी।


पोलिथिन से
         मुँह न ढकना
               साँस रुके ,
                 जीवन बने सपना।
                                              *बिमला देवी *
                     
                  ****

Monday 15 September 2014

ग्लेशियर पिंघल रहे गर्मी से

गोधूलि में राह प्रियतम की
          कैसे तके बाला
                        हर तरफ धुआँ धुआँ है
                                  काला सयाह काला।
बढ़ी आबादी मानव ने
           जंगल मिटा डाला ,
              स्वच्छ हवा न स्वच्छ है जल ,
                       प्रदूषण का बोलबाला।
काट पेड़ अमृत को हमने
                     विष बना डाला ,
                         तपश बढ़ी है हर तरफ ,
                                            जैसे जले ज्वाला।
ग्लेशियर पिंघल रहे गर्मी से
                   बाढ़ का आलम है
                             खुद के खुद दुश्मन'' बिमल''
                                        किससे शिकायत है। *बिमला देवी *

                             *******

अहिंसा की सुगन्ध फैलाएं

जीवन में हम
         खुशी मनाएं
                  अहिंसा की
                      सुगन्ध फैलाएं।


विश्व -शान्ति
               हो प्रसार
                    अहिंसा का  सदा
                            करें प्रचार।



जीओ ,
           जीने दो की भाषा
                    मानव हर सीखे
                                   करें ये आशा।


महावीर जी के
               गुण गाएं
                 हिंसा छोड़ कर
                      सद्गति पाएं।      * बिमला देवी *

Sunday 14 September 2014

कम से कम एक पेड़ लगाओ

कहीं दमा तो कहीं तपेदिक,
       किसी को आता है बुखार,
चारों ओर फैला प्रदूषण
         इसने किया सबको बीमार।

मोटर -कार ,कहीं फैक्ट्री ,
          की चिमनी से निकले धुआँ,
कार्बनडाइऑक्साइड हर तरफ ,
              ऑक्सीज़न का हुआ खात्मा।

वृक्ष कहाँ जो ताजी हवा को ,
           उगलें ,खाएं गन्दी हवा ,
मानव इसका उत्तरदायी,
          वृक्ष काट खुद हुआ तबाह।

अभी समय खुद को बचा लो ,
           वातावरण की करो सफाई ,
कम से कम एक पेड़ लगाओ ,
              बात ''बिमल ''जो समझ में आई।

                         *******

Saturday 13 September 2014

गर्भ में कन्या को क्यों मारा ?

जिनको वेदों ने मान दिया ,
       उनका ही अपमान किया
क्या तूने नादान किया ?
             गर्भ में ही कल्याण किया।

गर्भ में कन्या को है मारा
      ऐसे तूं बन गया हत्यारा ,
भविष्य में रहेगा कंवारा
         तेरा कौन बनेगा सहारा ?

कौन जीवन साथी बनेगा ?
      कौन तेरे अब संग चलेगा ?
कैसे तेरा वंश चलेगा ?
           तूं बन्दे फिर क्या करेगा ?

''बिमल ''समय अब तो सम्भाल
            बेटी को बड़े नाज़ से पाल
तूं बदल अब समय की चाल
           बन जा नारी की अब ढाल।

                 *******

Friday 12 September 2014

पोलिथिन से करें परहेज

पोलिथिन से करें परहेज
आगे बढ़े हमारा देश

आओ ऐसा अभियान चलाएं
पोलिथिन से मुक्ति पाएं।

शिक्षा का प्रकाश फैलाएं
पोलिथिन अवगुण बतायें।

पोलिथिन से भूमि बंजर
घुन के जैसा भूमि अंदर

                                 *  बिमला देवी *

अहिंसा की राह पर चलो

देना है तो,  देना सीखो, दान
लेना है तो, लेना सीखो, मान।

परोपकार करके देखो ,तुम्हें सुख मिलेगा
गम पचाकर देखो तो ,तुम्हें यश मिलेगा

पीना क्या है प्रेम भरा रस का प्याला,
भक्ति मे जहर भी बन जाता मधु प्याला

अहिंसा की राह पर चलो, तुम्हे सुख मिलेगा ,
हिंसा की राह पर ''बिमल ''तुम्हें दुःख मिलेगा। 

श्री राम जय राम भजन

श्री राम जय राम ,जय जय राम
         श्री राम जय राम ,जय जय राम

जीवन दुःख की धूप तो ,सुख भी इसके साथ हैं
खेल ये धूप छाँव का ,होता है क्यों उदास है
साथ तेरे जब हैं श्री राम,  श्री राम जय राम ,
                                                      जय जय राम।

जीवन पानी की लहर ,कब कहाँ मिट जाएगी
बीत चली है जो घड़ी ,लौट कर न आएगी
कब पुकारेगा श्री राम श्री  राम ,जय राम
                                                     जय जय राम

बीत गई को छोड़ ''बिमल ''आगे का अब तूं ध्यान कर
रह जाएगा सब  यहीँ ,   इतना न अभिमान कर
साथ जाएंगे बस शुभ काम ,  श्री राम जय राम ,
                                                        जय जय राम

                          ******



पोलिथिन से मुक्त कराओ

पोलिथिन से दूर ही रहना ,
   विद्वानो का यही है कहना।
 
              *

जल की धारा प्रदूषित है ,
    पोलिथिन से कलुषित है।

             *

पवित्र नदियों को बचाओ ,
   पोलिथिन से मुक्त कराओ।

              *

मानव जीवन खतरे में पड़ा है ,
       पोलिथिन से जब से जुड़ा है।

             *

गर्भ में कन्या भ्रूण मरवाते

इक पहिये की गाड़ी से ,
कैसे लम्बा जीवन कटेगा।

सहनशीलता की देवी बिन ,
कैसे तेरा दुःख बंटेगा।

गर्भ में कन्या भ्रूण मरवाते,
जन्म से पहले गजब हैं ढाते।

अपनी अब तूं सोच जरा
ऐसे खुद -ब -खुद मिटेगा।

    ******

Thursday 11 September 2014

लड़की को गर्भ में मरवाया

पहली लड़की हुई है घर में ,
               बंटी नही बधाई है।
दूसरी लड़की, माँ बाप की
          बरबस आँख भर आई है.
तीसरी लड़की के होने पर ,
            मातम बहुत मनाया है।
चौथी लड़की को जन्म से,
               पहले ही मरवाया है।
पाँचवी बार ''बिमल ''है लड़का
            आनन्द खूब मनाया है।
इसी लड़के ने माँ बाप को
                  वृद्धाश्रम दिखलाया है।

              *****



क्यों कन्या भ्रूण हत्या करवाए

शिक्षित बेटी पर,
               माँ को मान
शिक्षित बेटी करे,
               जग कल्याण।

बेटा पढ़े तो,
           दीपप्रकाश
बेटी पढ़े ,
         रवि सा प्रकाश।

चारों ओर,
       फैले उजियारा ,
दूर करे,
    पल में अँधियारा।

फिर ''बिमल ''जग
        जुल्म क्यों ढाए
कन्या भ्रूण
            हत्या करवाए।


       *****


Wednesday 10 September 2014

क्षमा -भाव

क्षमा हृदय धारण करे जो,
               बन जाता इंसान वो.
इंसानों की बस्ती में रहकर,
             बन जाता भगवान वो.
वीर पुरुष कहते उसी को,
            क्षमाशील जो होता है.
करुणा के पावन नीर से,
           हृदय कलुष को धोता है.
 क्षमा धर्म है क्षमा कर्म है,
           क्षमा का करते रहें हम ध्यान,
ईर्ष्या भरी दुनियां में रहकर,
            ''बिमल ''करें सदा कल्याण।

                ******


इंतजार में

शमा जली  इंतजार में ,
नयन जगे  इंतजार में ,

भोर हुई थी देखा उनको ,
शाम ढली  इंतजार मे

हर आहट पर चौंक जाते
याद आए   इंतजार में

मन मन्दिर कब से सजाया
''बिमल ''   इंतजार में।

       ******

ईर्ष्या द्धेष में जलते रहे

यूं तो मन्दिर में बैठे हैं
          ईर्ष्या द्धेष में जलते रहे
 क्या तूने कहा क्या मैने कहा
              ये सोच सोच लड़ते रहे।

मान -सम्मान की खातिर हमने,
                     भक्ति के खेल रचाए हैं
मन से प्रभु का नाम जपो ,
                 प्रभु तब ही दौड़े आए हैं
हाथ में माला ,मुँह में प्रभु हैं ,
              फिर भी खुद को छलते रहे
                        क्या तूने कहा क्या मैने कहा
                     ये सोच सोच लड़ते रहे।

स्वर्ग में तूं चाहे बैठा है ,          
               नरक हुआ मन तेरा है
दो दिन की है चमक चाँदनी
             दो दिन का ये बसेरा है
चार जने जब ले जाएंगे ,
         तब सोचेगा  क्यों मरते रहे
 क्या तूने कहा क्या मैने कहा
               ये सोच सोच लड़ते रहे।

''बिमल  ''समय खुद को सम्भालो
               जपो प्रभु का नाम रे
मन की नज़र से जब देखोगे
                     सब में है भगवान रे
क्षमा धर्म है ,क्षमा कर्म है ,
           क्षमा से प्रभु मिलते रहे
 क्या तूने कहा क्या मैने कहा
             ये सोच सोच लड़ते रहे।
     
        *******

         

Tuesday 9 September 2014

वृक्ष पर्यावरण आधार

फल ,
     औषधि तो कभी
                         लकड़ी
                                वृक्ष दें हमें अपार ,
कटनें से
           रोको ''बिमल ''इन्हें
                          ये पर्यावरण आधार।

                     ***

क्षमा हृदय धारण करे

क्षमा हृदय धारण करे जो ,
             बन जाता इन्सान वो
इन्सानों की बस्ती में रहकर
              बन जाता भगवान वो।
वीर पुरुष कहते उसी को ,
            क्षमाशील जो होता है ,
करुणा के पावन नीर से'
              हृदय कलुष को धोता है.
क्षमा धर्म है ,क्षमा कर्म है ,
           क्षमा का करते रहें हम ध्यान
ईर्ष्या भरी दुनियां में रहकर।,
          ''बिमल''करे सदा कल्याण।

             *******

Monday 8 September 2014

विश्व -शान्ति हर तरफ हो

मन पवित्र ,,
           तन पवित्र ,
                   पवित्र हो
                           सारा संसार
विश्व -शान्ति
           हर तरफ हो
                    हरा भरा हो
                             ''बिमल''गुलज़ार।

               **********

प्रभु फिर से बुलाते हैं ,

महावीर प्रभु तुमको ,हम फिर से बुलाते हैं ,
तेरे चरणों में अपना ,ये शीश झुकाते हैं।

मुद्द्तों  से न तुमने ,है जग कल्याण किया ,
अब बेग चले आओ ,हमे पाप सताते हैं।

इस माया ठगनी ने ,जकड़ा है यूँ हमको
फिर खींच ले अपनी और ,तेरे पास जो आते हैं।

मानुष जीवन तो ''बिमल ''मुश्किल से मिलता है
अब पार लगा भी दो ,क्यों देर लगाते हैँ।

             ***********

Sunday 7 September 2014

पोलिथिन

पोलिथिन एक रोग बना है
           जिसका न उपचार हुआ है।


पोलिथिन जब जब घर आए
             कचरा गंदगी ये फैलाए।

महिलाएं अब आगे आएं
          पोलिथिन प्रयोग न लाएं।

अमृत को कर दे जहर
      पोलिथिन का ऐसा कहर।

        *****                           बिमला देवी 

अहिंसा सन्देश सुनाएं

पर मन को पीड़ा पहुँचाए
                उससे बड़ा न कोई पाप
हिंसा से सब को सताए
           उससे बड़ा न ''बिमल '' संताप।

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पर हित में विश्वास करे जो
                                    वही भगवान
अहिंसा ''बिमल '' जहां वास करे
                                   वहां चारों धाम।

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अहिंसा में शक्ति अपार
                  अहिंसा है जीवन आधार
अहिंसा दुष्कर्म को धोती
           अहिंसा ''बिमल '' धर्मों का सार।

                                                                     बिमला देवी

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Saturday 6 September 2014

पेड़ लगाएं

एक स्कूटर ,चार कारवाला ,
      मिलकर पौधे सभी लगाएं
                       हमने फैलाया प्रदूषण ,
                              हम' बिमल ''इसको मिटाएँ।
 

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हवा स्वच्छ ,पानी स्वच्छ हो ,
           तभी तो होगी खुशहाली
                       आओ ''बिमल '' मिल पेड़ लगाएं
                                       चारों तरफ होगी हरियाली।


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खतों की मुंडेरों पर ,
                 हम पेड़ लगाएं
                        वातावरण  हो स्वच्छ ,''बिमल ''
                                    और फल भी खाएं।



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पेड़ जीवन प्राण आधार

पेड़ बागों की बहार हैं ,  ये तीजों का श्रृंगार हैं
हर जीवन का जीवन है, ये जीवन का ख़ुमार है।

ये खिले तो फूल खिले ,इनके दम बगिया सजे
इनके दम से तीज के दिन ,झूलों पर निखार है

मत काट इन्हे मीत मेरे ,क्यों इनके दुश्मन बने
ये नहीं तो कुछ  नही ;   शुन्य सब संसार है।

साँस तेरी इनके दम से ,धड़कन चलती इनके दम से
मत भूलो ये बात ''बिमल ''ये जीवन प्राण आधार हैं।

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Thursday 4 September 2014

ऐसा हमारा भारत देश

मलय पवन है चँवर झुलाती 
गंगा ,यमुना करे अभिषेक ,
ऐसा प्यारा भारत देश ,
ऐसा हमारा भारत देश। 


चाँदी -पर्वत ,झरने छम -छम ,
हरे -भरे सोने के खेत ,
ऐसा प्यारा भारत देश 
ऐसा हमारा भारत देश। 



राम -कृष्ण अवतार लिया यहाँ 
वेदों का है सार यहाँ 
दुखियों का है सहारा देश 
ऐसा हमारा भारत देश। 


विश्व शान्ति सदा फैलाए 
जग को'' बिमल''सुखी बनाए 
मानवता का यही उद्देश 
ऐसा हमारा भारत देश। 


कोटि कोटि प्रणाम है उनको 
शहीद हुए ,बने शान है उनको 
इतिहास के बने  हैं लेख 
ऐसा हमारा भारत देश।  

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Wednesday 3 September 2014

वृक्ष लगाकर ,कर उपकार

पूर्वजों की याद को ,पल में मिटा दिया ,
वृक्ष काट काट कर, उनको भुला दिया ,

स्वार्थवश हो खुद हमने ,खुद को मिटा डाला  ,
जिन्दगी को मौत का ,प्याला पिला डाला।

ये कैसा उपहार दिया ,हमने नई पीढ़ी को
जहरीली गैसों से जकड़ ,डाला नई पीढ़ी को

हम तो जी चुके वो कैसे ,जीयेंगे ख्याल कर ,
वृक्ष लगाकर ''बिमल ''उनपर कुछ उपकार कर। 

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इन्सान हम बनेंगे ,

संकल्प तो यही  है    ,इन्सान हम बनेंगे ,
इन्सान बन गए तो , भगवान हम बनेंगे।

हम जैन ,बुद्ध ,हिन्दू।,मुस्लिम ,सिक्ख ,ईसाई ,
आपस में भाई सारे ,  सब प्रेम से रहेंगे।

विषयों में पड़कर तूने , ये उमर ही गँवा ली ,
अरे चेत अब तूं प्राणी ,मानुष जन्म न मिलेंगे।

प्रभू की शरण में आकर,'' बिमल ''प्रीत अब लगाले ,
कट जाएँ फंदे तेरे ,  भगवान तब  मिलेंगे।

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Tuesday 2 September 2014

औरत

जहाँ वेदों में औरत को ,पूजा और सराहा है
कभी भक्ति कभी शक्ति ख़ुदा का रूप बताया है
वहां इस देश में क्यूंकर रुलाई जा रही औरत ,
कभी हिंसा ,कभी वहशत मिटाई जा रही औरत।

जहां धरती ,जहां नदियों को माता कह पुकारा है
वहीँ नारी का नारीत्व चमन क्योंकर उजाड़ा है
आँखों में लिए आँसू ,माटी में मिली औरत
गुनाह नहीँ एक भी फिर भी सजाएं भोग रही औरत

आँचल में लिए ममता ,हर जीवन संवारा है
उसी ने गर्दिशों के दौर में जीवन गुजारा है

अहम को छोड़ कर अपना उसे तूं साथ लेकर चल
स्वर्ग होगा तेरा घर दिल में आदर भाव लेकर चल
तभी सृस्टि ने औरत को ''बिमल ''धरती उतारा है
उसी से कौम है ,जन्नत उसी से जहां ये सारा है।

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पेड़ों की कतारें हों ,

सड़कों  के किनारे ,
         खेतों के सहारे
पेड़ों की कतारें हों ,
           दिलकश नज़ारे हों ,
कहीं जामुन के पेड़ हों ,
                       कहीं वृक्षों पर सेब हों
सावन के नज़ारे हों ,
             झूले हों, बहारें हों
मेघा  घिर घिर आते हों ,
              ''बिमल ''प्रदूषण भगाते हों।


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Monday 1 September 2014

क्यों न हम पेड़ लगाएं

वृक्षों की छाया तले ,
                    हम मुस्कराएं
वृक्षों की छाया तले
                           हम गुनगुनाएं
वृक्षों की छाया तले
                          डालें झूलें
वृक्षों की छाया तले
                         हम तीज मनाएं।

आ गया है समय
                     एयरकंडीशन का
ताजी हवा से बेरुखी
                           ,क्यों मर्ज़ बढ़ाएं
न संभलोगे ,प्रदूषण होगा
                          चारों ओर
समय रहते ही क्यों न ''बिमल ''
                       हम पेड़ लगाएं।

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