श्री राम जय राम ,जय जय राम
श्री राम जय राम ,जय जय राम
जीवन दुःख की धूप तो ,सुख भी इसके साथ हैं
खेल ये धूप छाँव का ,होता है क्यों उदास है
साथ तेरे जब हैं श्री राम, श्री राम जय राम ,
जय जय राम।
जीवन पानी की लहर ,कब कहाँ मिट जाएगी
बीत चली है जो घड़ी ,लौट कर न आएगी
कब पुकारेगा श्री राम श्री राम ,जय राम
जय जय राम
बीत गई को छोड़ ''बिमल ''आगे का अब तूं ध्यान कर
रह जाएगा सब यहीँ , इतना न अभिमान कर
साथ जाएंगे बस शुभ काम , श्री राम जय राम ,
जय जय राम
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श्री राम जय राम ,जय जय राम
जीवन दुःख की धूप तो ,सुख भी इसके साथ हैं
खेल ये धूप छाँव का ,होता है क्यों उदास है
साथ तेरे जब हैं श्री राम, श्री राम जय राम ,
जय जय राम।
जीवन पानी की लहर ,कब कहाँ मिट जाएगी
बीत चली है जो घड़ी ,लौट कर न आएगी
कब पुकारेगा श्री राम श्री राम ,जय राम
जय जय राम
बीत गई को छोड़ ''बिमल ''आगे का अब तूं ध्यान कर
रह जाएगा सब यहीँ , इतना न अभिमान कर
साथ जाएंगे बस शुभ काम , श्री राम जय राम ,
जय जय राम
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