दीपक की माला सजा मनाएं दिवाली ,
तेरे मेरे सब के घर आए खुशहाली।
आतिशबाजी और पटाखों से करें परहेज ,
प्रदूषण की चपेट मे न आए अब देश।
अपने अपने धर्मानुरूप पूजन करें सब ,
कोशिश हो एक दूजे के दुःख को हरें सब।
भ्रातृत्व भाव हो मिलकर बिमल 'खाएं मिठाई ,
कह सकें प्रदूषण मुक्त दिवाली मनाई।
*************बिमला देवी
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