पोलिथिन पर रोक लगे , भूमि बंजर न होगी,
खेतों की उपजाऊ शक्ति ,फिर कभी कम न होगी,
पोलिथिन एक रोग बना ,हम इसकी दवा बन जाएं,
आओ मिलकर पोलिथिन से, धरती को बचाएं।
गंदे नालों की गंदगी से ,नदियाँ मैली न हों,
पोलिथिन से बने लिफाफों ,पर पाबन्दी अब हो,
जीव जन्तु इनको खाकर ,तड़फ कर मर न जाएं,
आओ मिलकर पोलिथिन से धरती को बचाएं।
धरती को हम माँ कहते ,क्या माँ को दूषित करते,
माँ के चरणों में बैठ कर ,दुःख उनके सब हरते,
बंजर ,मैली न हो जाए , हरित क्रान्ति लाएं,
आओ मिलकर पोलिथिन से ,धरती को बचाएं।
वर्जित खाद रसायन करके ,घर की खाद बनाओ ,
फल सब्जियों के छिलकों को ,यूं उपयोग में लाओ,
कूड़ा कर्कट भी मिटे, खेतों में धन उपजाएं ,
आओ मिलकर पोलिथिन से धरती को बचाएं।
खेतों की उपजाऊ शक्ति ,फिर कभी कम न होगी,
पोलिथिन एक रोग बना ,हम इसकी दवा बन जाएं,
आओ मिलकर पोलिथिन से, धरती को बचाएं।
गंदे नालों की गंदगी से ,नदियाँ मैली न हों,
पोलिथिन से बने लिफाफों ,पर पाबन्दी अब हो,
जीव जन्तु इनको खाकर ,तड़फ कर मर न जाएं,
आओ मिलकर पोलिथिन से धरती को बचाएं।
धरती को हम माँ कहते ,क्या माँ को दूषित करते,
माँ के चरणों में बैठ कर ,दुःख उनके सब हरते,
बंजर ,मैली न हो जाए , हरित क्रान्ति लाएं,
आओ मिलकर पोलिथिन से ,धरती को बचाएं।
वर्जित खाद रसायन करके ,घर की खाद बनाओ ,
फल सब्जियों के छिलकों को ,यूं उपयोग में लाओ,
कूड़ा कर्कट भी मिटे, खेतों में धन उपजाएं ,
आओ मिलकर पोलिथिन से धरती को बचाएं।
***********बिमला देवी
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