Bimla Devi
Tuesday 14 October 2014
हुदहुद
विनाशकारी हुदहुद ने ,
कहर यूँ ढाया है
पानी के सैलाब ने ,
जीवन मिटाया है
उजड़ गए हैं गांव ,
शहर उजड़ गए
कितने ही अपने ,
अपनों से बिछुड़ गए
' बिमल '' मिलकर अपना ,
हम हाथ बढ़ाएं
हुदहुद से उजड़े लोगों को ,
फिर से बसाएं।
*******बिमला देवी
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