Bimla Devi
Wednesday 1 October 2014
फूलों की तरह मुस्कराएं
जैसे पंछी किसी गगन में
कभी उड़ते हैं ,कभी गाते हैं
जैसे फूल किसी गुलशन में
एक साथ मुस्कराते हैं
आओ जमाना ढूंढे ऐसा
जहाँ हम सब साथी बन जाएं
फूलों की तरह मुस्कराएं
पंछिओं की तरह गुनगुनाएं।
*** बिमला देवी
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