जैसे पंछी किसी गगन में,
कभी उड़ते हैं कभी गाते हैं ,
जैसे फूल किसी गुलशन में,
एक साथ मुस्कराते हैं ,
आओ ज़माना ढूंढे ऐसा ,
जहाँ हम सब साथी बन जाएं ,
फूलों की तरह मुस्कराएं
,पंछिओं की तरह गुनगुनाएं,
''बिमल''नया गुलिस्तां बनाएं।
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कभी उड़ते हैं कभी गाते हैं ,
जैसे फूल किसी गुलशन में,
एक साथ मुस्कराते हैं ,
आओ ज़माना ढूंढे ऐसा ,
जहाँ हम सब साथी बन जाएं ,
फूलों की तरह मुस्कराएं
,पंछिओं की तरह गुनगुनाएं,
''बिमल''नया गुलिस्तां बनाएं।
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