Monday, 18 August 2014

बच्चों को उपहार -प्रदूषण?

धन कमाना
अपने जन्म दिए बच्चों को 
पढ़ा लिखाकर बड़ा बनाना। 
घर सजाना 
महल बनाना 
ऐश्वर्य युक्त जीवन को पाकर 
खिलखिल जाना।
बूढ़े हो जाना 
हाथ पैर ढीले पड़ जाना। 
शक्ति सारी क्षीण हो जाना
 बच्चों में सेवा भाव जगाना 
उनके कंधो का ले सहारा 
घऱ से स्वर्ग तक दौड़   लगाना 

आना और जाना। 
आए तो गंदगी फैलाई 
गए तो धुआँ फैलाया
प्रदूषण को और बढ़ाया
जीवन भर जहाँ श्वास ली तुमने
एक पेड़ तक न लगाया।

पैरों  तले रौन्धा है जिसको
उस धरती पर तरस न खाया
पोलीथिन का कर प्रयोग
उसको ही बंजर बनाया।
जिसने शीतल छाँव दी तुमको
चूल्हे में उसको जलाया
''बिमल'''जरा सा तरस न खाया।।

न वर्षा अब समय पर होती
खाद्य पदार्थ शक्ति नही है
प्रदूषित ,शुद्ध कुछ भी नही
जीवन की वो अवधि नही है।

जल प्रदूषित ,वायु प्रदूषित
मन प्रदूषित ,आयु प्रदूषित
प्रदूषण चारों ओर फैला
धरती का आँचल हुआ है मैला

गगन भी धुँए से भरा है
सूख गया सब कुछ भी न हरा है।
प्रदूषण की बात करें
किसको क्या सौगात करें ?

बच्चों को उपहार ?प्रदूषण
मानव का श्रृंगार ?प्रदूषण
धरती का उद्धार ?प्रदूषण
 अब करो कुछ ख्याल ?**************बिमला देवी 

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