वृक्ष न लगेँगे तो ,
सूखे पड़ जाएंगे
सूखे पड़ गए तो
भूखे मर जाएंगे
भुखमरी तब होगी
रोगी जहान होगा
हश्र तेरा जाने क्या
अरे ,नादान होगा
तपश बढ़ जाएगी
ग्लेशियर पिंघल जाएंगे
दरियाओं के किनारे
गाँव बह जाएंगे
क़यामत ही क़यामत
तब होगी चारों ओर
वृक्ष लगा ''बिमल ''
इन बाधाओं को रोक।
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सूखे पड़ जाएंगे
सूखे पड़ गए तो
भूखे मर जाएंगे
भुखमरी तब होगी
रोगी जहान होगा
हश्र तेरा जाने क्या
अरे ,नादान होगा
तपश बढ़ जाएगी
ग्लेशियर पिंघल जाएंगे
दरियाओं के किनारे
गाँव बह जाएंगे
क़यामत ही क़यामत
तब होगी चारों ओर
वृक्ष लगा ''बिमल ''
इन बाधाओं को रोक।
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